How To Think Like Lionardo Da Vinchi Book Summery IN Hindi



 हेलो दोस्तो में आज बहुत ही जाने माने आदमी की बुक समरी लेकर आया हु जिसका नाम how to think like Leonardo Da Vinci | तो अगर आप लियोनार्डो दा विंसी के बारे में जानना चाहते है तो इस लेख को जरूर पूरा पढ़े |

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about book

 लियोनार्डो दा विंची हिस्ट्री के सबसे प्रसिद्ध और विवादों से घिरे अर्टिस्ट और थिंकर रहे है | इस बुक में आपको उनके दिमाग मे झांकने का मौका मिलेगा | उन्होंने अपनी जिंदगी में किन प्रिंसिपल को अपनाया था | वो किन बातों पर सच मे यकीन करते थे | ये बुक आपको सिखाएगी की आप कैसे उनकी तरह एक एक्स्ट्राऑर्डिनरी जीनियस बन सकते है |


ये समरी किसे पढ़नी चाहिए 

. जो लोग अर्टिस्ट और scientist बनने की इच्छा रखते है |

. यंग adults को 


ऑथर के बारे में 

माइकल गेल्ब एक executive कोच और मैनेजमेंट कंसलटेंट है |

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introduction 

क्या आपने लियोनार्डो दा विंची का नाम सुना है ? कोन थे वे ? वो एक जीनियस और महान कलाकार थे | उन्होंने कही बेहतरीन पेंटिंग्स बनाई जिनमे से मोना लिसा और द लास्ट सपर को मास्टरपीस कहा जाता है | वो एक उम्दा कलाकर तो थे ही सही , इसके साथ उन्हें कही अलग अलग फील्ड के बारे में अच्छी खासी नॉलेज थी | जैसे बॉटनी , एनाटोमी, मिलेट्री, इंजनियरिंग आदि | उनकी इसी गहरी नॉलेज के कारण उन्हें renaissance पोलीमेथ कहा जाता है |

लियोनार्डो की कही पेंटिंग्स को मास्टरपीस का टाइटल दिया गया जिनमे St John the baptist ,Madonna of the rocks  और Salvatore mundi सामिल है | dr विंची को के काम को बहुत वाहवाही और तारीफ  मिली लेकिन ओ हमेशा विवादों में गिरकर चर्चा का कारण भी बनकर रहै | उनकी नोटबुक में बनाये गए उनके स्केच और पेंटिंग जितना ही कीमती माना जाता है |


उन्होंने घोड़ो , चेहरे, फूल यहाँ तक कि माँ के पेट मे पल रहे बच्चे  की इतनी सटीक और जीवंत तस्वीर बनाई जिसे देखे तो लगता है कि मानो की अभी ये बोल पड़ेगी |


लेकिन क्या आप जानते है कि लियोनार्डो एक नाजायज संतान थे ? उनके पिता एक उभरते हुए वकील थे और माँ एक छोटे से गांव में खेतों में काम करने वाली साधारण लड़की थी | dr. विंची अपने पिता के नक्से कदम पर नही चले क्योंकि जिन बच्चो का जन्म बिना शादि के होता था उन्हें एक प्रोफेशनल कैरियर बनाने की इजाजत नही थी |


इस बुक में आप ऐसे 6 प्रिंसिपल के बारे में जानेंगे जो आपको लिओनार्डो की तरह मल्टीप्ल स्किल्स डेवलप करने में मदद करेंगे | आप एक ऐसे इंसान बनना सीखेंगे जो अपनी नॉलेज को एक ही फील्ड तक सीमित नही रखता और हमेशा ज्यादा जानने और सीखने की इच्छा रखता है |

लिओनार्डो इटालियन थे इसीलिए इस बुक के ऑथर माइकल ने इन प्रिंसिपल को उन्ही की भाषा मे एक्सप्लेन किया है | लिओनार्डो के 6 प्रिंसिपल है - curiosita यानी कि जानने की इच्छा रखना , Dimostrazione यानी एक्सपीरियंस से सीखना , sensazione यानी कि अपनी 5 सेंस का मैक्सिमम इस्तेमाल करना , sfumato यानी कि तुरंत किसी चीज को जज नही करना, art/scienza  यानी कि आर्ट और नॉलेज के बीच बैलेंस बनाना और corporalita यानी कि फिजिकल फिटनेस | तो अब इन्हें एक एक कर डेतैइल में समझते है ------


(Sfumato) स्फुमाटो



स्फुमाटो शब्द का मतलब है कि धुए की तरह ऊपर जाना या धुंधला हो जाना | जहा कुछ भी साफ साफ दिखाई नही देता | इसकी झलक हमे लिओनार्डो की यूनिक पेंटिंग स्टाइल में देखनो को मिलता है | अगर आप मोना लिसा की पेंटिंग गूगल पर सर्च करोगे तो  आप देखेंगे कि वो पेंटिंग बड़ी ही रहस्यमयी है | मोना लिसा की मुस्कान का राज आज तक कोई नही जा पाया | उसमे इतने इमोशन छुपे हुए है कि आप चाह कर भी नही जान पाएंगे कि उसकी मुस्कान के पीछे की भावना क्या है | उसे इस तरह से बनाया गया है कि आप एक बार मे उसमे छुपे मेसेज को समझ नही पाएंगे | उस हल्की सी मुस्कान में अच्छाई और बुराई , सीडक्शन और मासूमियत , दया क्रूरता सबकी झलक दिखाई देती है | आपको क्या लगता है लिओनार्डो इससे क्या मेसेज देना चाहते है |


यही पहला प्रिंसिपल है कि हमे तुरंत किसी चीज को जज नही करना चाहिए या किसी नतीजे पर नही पहुचना चाहिए | एक ही चीज के कही अलग अलग पहलू हो सकते है इसलिए उनके पीछे के कारण को समझने की सोच अपनानी चाहिए तब जाकर आप सही तरीके से जज कर पाएंगे | थोड़ा अलग एंगल से सिचुएशन को देखने की कोशिस करे |किसी नही ची को देखकर उसके बारे में सवाल करना और उसका जवाब ढूंढने की इच्छा बनाये रखनी चाहिए | ये आपको सच और झूठ के बीच के फर्क को समझने में मदद करता है | ये आपके सोचने की पावर ओर इंटेलिजेंस को बढ़ाता है |


शायद यही वो खासियत है जिसने लिओनार्डो को इतने सारे इन्वेंशन करने में मदद की थी | इस बात को याद रखे कि जीनियस कभी तुरन्त किसी नतीजे पर नही पहुचते , वो उसे अलग अलग एंगल से समझने की कोशिश करते है | उसके बाद नतीजे पर पहुचते है | 

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Curiosita (क्युरियोसिता)


बचपन से ही लिओनार्डो को अपने आप पास की दुनिया के बारे में जानने की इच्छा रहती थी | अक्सर वो कागज और पेंसिल लेकर जंगलो में घूमने चले जाते थे | जो भी चीज उनका ध्यान खिचती वो उसकी पेंटिंग बनाने बेठ जाते | 

वो घंटो पेड़ , फूल , पत्तियों को निहारते रहते | वो अपने हर थॉट को नोटबुक में लिखते थे | उनके मन मे कही सवाल आते थे कि "इस दुनिया मे कितने तरह के जानवर , फूल और नदिया है ?" ये पक्षी कैसे उड़ पाते है ? जिस तरह पानी पत्थर से टकराता है वहाँ गोल चक्कर क्यों बनने लगता है ? न जाने क्यों ये अजीबोगरीब सवाल मेरे मन मे कब्जा किये रहते है ? 


जब लिओनार्डो किसी फूल की तस्वीर बनाते तो उसे तीन अलग अलग एंगल से बनाते , वो उसकी सुंदरता और बनावट को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते | पक्षियो की उड़ान भी उन्हें बड़ी दिलचस्प लगती थी | एक पक्षी हवा में कैसे अपने पंख फड़फड़ाता है तो वे उसे तस्वीर में कैद कर लेते थे | 


लिओनार्डो के बारे में एक खास बात थी जो उन्है दूसरे कलाकारों से अलग बनाती थी | उन्हें औरतो की सुंदरता को तस्वीर में उतारने की रुचि नही थी | वो हर किसी के लिये काम करते थे चाहै वो चर्च हो या कोई और | उनकी कला नेचर , सुंदरता और सच्चाई के लिए समर्पित थे |


लिओनार्डो का मानना था कि काम करते वक्त बीच मे छोटे छोटे ब्रेक भी लेने चाहिए | एक कलाकार को थोड़ी देर के लिए बाहर जाकर आराम भी करना चाहिए | अपने काम से कुछ देर के लिए दूर रहना हमे उसे एक फ्रेश नजरिये से देखने मे मदद करता है और हमारे लिए बचा हुआ काम करना आसान बना देता है | 


यह प्रिंसिपल हमे ये सिखाता है कि हमैशा जानने की इच्छा बनाये रखे | जानने की इच्छा हमारे मन मे सवाल पैदा करती है जिनका जवाब ढूंढने की हमे कोशिश करनी चहिये | ये हमारे ब्रेन को शार्फ़ बनाता है , हम डिटेल को नोटिस करना सीखते है | कहा जाता है कि जितना हमे नेचर सीखा सकती है उतना हमे कोई नही सीखा सकता |इसीलिए लिओनार्डो नेचर में मौजूद हर चीज को बड़े ध्यान से देखा करते थे |  




Dimostrazione (डिमोस्त्राजिओने)


बचपन मे लिओनार्डो को कभी ठीक से पड़ने लिखने का मौका नही मिला | जब वो थोड़े बड़े हुए तो मास्टर पेंटर और मूर्तिकार एंड्रिया डेल वेर्रोचिओ के शिष्य बन गए | उनके स्टूडियो में लिओनार्डो ने रंगों को मिक्स करना और कैनवास तयार करने का तरीका सिखा | verrochio एक्सपीरियंस से सीखने में विस्वास करते थे | उन्होंने लिओनार्डो को ब्रॉन्ज कास्टिंग , मूर्ति बनाने की कला वगेरह का काम सिखाया | उन्होंने लिओनार्डो को पेड़ पौधे , इंसान और जानवरों की बॉडी के स्ट्रक्टर को स्टडी करना भी सिखाया | इस एजुकेशन ने उनकी बहुत मदद की |

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लिओनार्डो की पहली पेंटिंग verrochio के baptism ऑफ chirst के ऊपर थी | ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने परी की तस्वीर को नीचे लेफ्ट कार्नर में बनाया था | आर्ट एक्सपर्ट्स ने एक बार xray के जरिये उसे गोर से देखने की कोशिश की | उन्होंने देखा कि xray में verrochio के ब्रश से बनने वाली स्ट्रोक इतने महीन और मक्खन जितने महीन थे कि xray उनके आर पार गुजर गई | 


लिओनार्डो प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस से चीजो को टेस्ट कर सीखने में विस्वास करते थे | उनका मानना था कि कही सुनी बातो पर यकीन नही करना चाहिए बल्कि खुद उसे टेस्ट कर अपनी इंडिपेंडेंट थिंकिंग को बढ़ाना चाहिए | उनका कहना था कि नेचर से बढ़िया टीचर कोई नही हो सकता इसीलिए अपनी आस पास की चीजो को गौर से देखे , वो आपको बहुत कुछ सिखाएगी | 


लिओनार्डो के बारे में एक और दिलचस्प बात है कि उन्होंने 42 की उम्र में खुद लेटीन भाषा सीखी ताकि वो क्लासिकस में लिखी बातों को बेहतर समझ सके | उन्होंने मेडिसिन , मैथ्स, युद्धकला की कही किताबे पढ़ी थी | एक जगह उन्होंने लिखा था  "अनुभव कभी गलत नही होते "| आप फैल तभी होते है जब आप अपने एक्सपेरिमेंट से तुरंत रिजल्ट मिलने की उम्मीद करते है | इसके साथ ही उन्होंने ये भी लिखा कि "रुकावट मुझे झुका नही सकती , हर बाधा पक्के इरादे और अटलता से चकनाचुर हो जाती है |" 


लिओनार्डो को आविष्कार करना बहुत पसंद था | उनमे से कही बुरी तरह फैल भी हुए थे लेकिन फैलियर ने दोबारा उन्हें कोशिश करने से नही रोका | इसी खासियत की वजह से वो अनगिनत इन्वेंशन करने में कामयाब हुए | 

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Sensazione (सेंसजिओने)

लिओनार्डो ने अपने 5 सेंस ऑर्गन्स को बहुत अहमयित देते थे | उनका मानना था कि हमे इसका ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए | इस प्रिंसिपल का मतलब है कि हर चीज को गोर से डिटेल में देखना | ये आपके ब्रेन पावर और लर्निंग स्किल को बढ़ाते है | ये हमारा फोकस बढ़ाकर हमे जीनियस बनाते है | सेंसेस का ज्यादा इस्तेमाल करना मतलब हर आवाज को गौर से सुनना , अगर खाना खा रहे हो तो उसका पूरा जायका लेना , आंखों के द्वारा हर चीज को डिटेल से देखना |


लिओनार्डो हमेशा सेंसेस का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते थे  , वो बड़े गोर से अपने आस पास के परिवेश , पहाड़ो , झरनों ,जानवरो और लोगो के हाव् भाव देखते और उससे सीखते | जितना हो सकता था वो उतने अच्छे कपड़े पहनते थे | उन्होंने अपने स्टूडियो को फूलों की खुश्बू से भर दिया था | वो कम क्वांटिटी में हेल्थी खाना जिसे खूबसूरती से प्लेट में सजाया गया हो उसे खाना पसंद करते थे | 


लिओनार्डो कहते है कि बड़ी दुख की बात है कि ज्यादातर लोग अपने सेंसेस का सही इस्तेमाल नही करते , वो बस पेट भरने के लिए खाते है  लेकिन उसका स्वाद नही लेते है | लोग बोलते थे तो लेकिन सोचें समझे बिना , सुनते थे तो सही लेकिन कुछ महसूस नही करते थे | 

चलिए आप ईमानदारी से बताई ये की आखिरी बार कब आपने आसमान को देखकर चाँद और तारो की सुंदरता की तारीफ की थी ? आखिरी बार कब आपने बिना जल्दबाजी के खाने को जायका लेकर खाया था ? जो चीज हमारे पास होती है हम उसकी कदर नही करते | नेचर ने आपको सेंस ऑर्गन्स दिए है उनके प्रति ज्यादा सेंसेटिव होने की खोसिस करे | आज हम इतने बिजी हो गए है कि बस मौजूद है , जी नही रहे है | अगर आप भी जीने के सही मायने को महसूस करना चाहते है तो लिओनार्डो की तरह अपने सेंसेस को ज्यादा यूज़ करे और जिंदगी के हर पल का भरपूर आनंद ले | 



Art / Scienza (आर्ट/सिंजा)

लिओनार्डो लेफ्ट हैंडेड थे तो ये कहा जा सकता है कि उनका राइट ब्रेन ज्यादा एक्टिव था | लेकिन जैसा कि आप जानते है कि वो सिर्फ एक artiest नही थे बल्कि scientist भी थे | उनकी एक बड़ी ही अनोखी आदत थी , वो मिरर राइटिंग की प्रैक्टिस करते थे | उनकी सारि नोटबुक्स उसी तरह लिखी हुई थी | कुछ साइंटिस्ट ने इसके पीछे के गहरे मीनिंग को समझने की कोशिश की लिओनार्डो रिवर्स में क्यों लिखते थे | लेकिन फिर उन्होंने सोचा कि ये उनके लिए ज्यादा comfortable होता होगा क्योंकि वह लेफ्ट हैंड से लिखते थे |

1994 में बिलगेट्स ने लिओनार्डो के नोटबुक के 18 पेज 30 मिलियन डॉलर में खरीदे थे |

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उनका मानना था कि जो लोग बिना साइंस को अप्लाय किये अपनी कला को आकार देते है वो उन सेलर्स की तरह होते है जो बिना कंपास लिए समुन्द्र की यात्रा पर निकल जाते है | ऐसे लोग कभी अपनी मंजिल तक नही पहुच सकते | वो इस बात में विस्वास करते थे कि एक artiest को इंसान की खूबसूरती को केनवस पर उतारने के लिए उसके ह्यूमन स्ट्रक्टर को स्टडी जरूर करना चाहिये | 


लिओनार्डो ने अपने स्टूडेंट्स कको डिटेल , लॉजिक और मैथ्स पर ध्यान देने के लिए encourage किया और कहा कि इसके साथ वो खुलकर अपनी इमेजिनेशन पावर का भी इस्तेमाल करे | छोटी छोटी चीजो को देखने के बजाए पूरी पिक्चर देखने की एबिलिटी ने उन्हें बिना किसी मॉडर्न टेक्नोलॉजी की मदद के बिल्कुल सटीक मैप तैयार किए | वो कहते थे कि "study the science of art and study the art of science" यानी "आर्ट की पीछे के साइंस को देखो  और साइंस के पीछे के आर्ट को समझो"| लोइनार्डो शायद इकलौते ऐसे कलाकार है जिन्होंने हमे कई यूनिक इन्वेंशन , स्केच और नोट्स दिए है जिन्हें आज भी उतना ही कीमती माना जाता है जितना कि उस समय |


Corporalita (कोर्पोरालिता)

लिओनार्डो के नोटबुक में पजल और जोक्स के अलावा आपको अच्छी हेल्थ और फिजिकल फिटनेस के अलावा कही दिलचस्प टिप्स भी मिलेंगे | उनका मानना था कि अच्छी हेल्थ आपको एक फिट दिमाग देती है | 


Giorgio vasari जिन्होंने कही फेमस artiest के बारे में लिखा था वो लिओनार्डो के बारे में कहते है कि वो हॉर्स राइडिंग में बहुत कुशल थे | एक्सरसाइस के तौर पर वो स्विमिंग और तलवारबाजी भी करते थे | इन चीजों ने लिओनार्डो की बॉडी को बहुत स्ट्रांग , अट्रैक्टिव और फिट बना दिया था | 


लिओनार्डो ने अपनी बुक में कुछ हेल्थ टिप्स भी दिए है | वो कहते है कि गुस्से और उदासी से दूर रहो | अपने मन को खुश रखो | हर रोज एक्सरसाइज करो | आप क्या खा रहे है उस पर ध्यान दो | खाने को धीरे धीरे चबाकर खाओ | भूख लगने पर ही खाना खाओ और हल्का खाना खाओ | रात को अच्छी नींद लो और अपना digestive  सिस्टम ठीक रखो | 

लिओनार्डो वेजिटेरियन थे और तो और वो खाना बनाने में भी माहिर थे | उनके हिसाबसे हेल्थी खाना और एक्सरसाइस के बीच एक बैलेंस बनाना आपको अच्छी हेल्थ देता है |


Conclusion 

फ्रांस के राजा फ्रैंकोइस 1 ने लिओनार्डो को पेंटर , आर्किटेक्ट और इंजीनियर के रूप में काम पर रखा था लेकिन असल मे वो राजा के   साथ ज्ञान और फिलोसोफी पर गहराई से बाते किया करते थे | राजा ने उन्हें रहने के लिय्ये एक शानदार बंगला दिया था और उन्हें हर महीने सेलरी भी दी जाती थी | वंहा रहते हुए 67 की उम्र में लेओनार्दो ने दुनिया को अलविदा कहा | अपने अंतिम दिनों में लिओनार्डो ने अपनी बीमारी के सिम्पटम्स के बारे में भी लिखा | उन्होंने अपना सारा सामान अपने वफादार स्टूडेंट फ्रांसेस्को मेलज़ी के लिए छोड़ दिया था | कहते है कि राजा के साथ उनकी गहरी दोस्ती थी कि उन्होंने अपनी आखिरी साँसे राजा की बाहों में ली थी | 


कुछ लोगो का मानना है कि लिओनार्डो homosexual थे तो कही लोग कहते है कि वो फ्री थिंकर थे जिनकी सोच धर्म से कुछ अलग थी , और किसी बात का तो पता नही लेकिन एक सच है कि जिसे कोई नही बदल सकता कि वो एक जीनियस थे | वो एक महान कलाकार थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन कला , साइंस , नेचर और उसकी सुंदरता के लिए समर्पित कर दिया था |


तो इस बुक में आपने लिओनार्डो की जिंदगी और उनके 6 प्रिंसिपल को जाना और सिखा | मुझे उमीद है आप हमेशा इस तरह नॉलेज लेते रहेंगे और लाइफ में सक्सेस प्राफ्त करेंगे | तो यह बुक समरी यही पर ख़तम होती है आपको केसी लगी  कॉमेंट सेक्शन में जरूर बताएं | 

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